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ताजे लेखन आणि नवीन प्रतिसाद
प्रकाशन दिनांक | शीर्षक | लेखक | वाचने | प्रतिसाद |
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22-06-11 | रे नववर्षा | गंगाधर मुटे | 10,698 | 7 |
19-11-22 | प्रतिनिधी नोंदणी : ११ वे साहित्य संमेलन | शेतकरी साहित्य चळवळ | 6,286 | 3 |
21-12-23 | विम्यामुळे तोट्याच्या शेतीचा तोटा आणखी वाढतो | गंगाधर मुटे | 1,603 | 1 |
21-12-23 | Honey Trap : बघा पटेलांच्या पोरी कशा हनीट्रॅप मध्ये अडकवतात | गंगाधर मुटे | 574 | |
18-12-23 | शोषकांना पोषक : जातीयवादाचा भस्मासूर : प्रस्तावना | युगात्मा शरद जोशी | 619 | |
04-12-23 | अंगारमळा : अंक - १७ | गंगाधर मुटे | 2,576 | |
03-12-23 | अंगारमळा : अंक - १६ | गंगाधर मुटे | 678 | |
01-12-23 | कोणे एकेकाळी | V59Angaaitkar | 796 | |
01-12-23 | अन्नदात्या संस्कृतीचा महानायक : बळीराजा | Bharati Sawant | 777 | |
01-12-23 | विरोचनाचा पुत्र अन्नदाता | Ajit1980 | 603 |
प्रकाशन दिनांक | लेखनविभाग | शीर्षक | लेखक |
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24/09/24 | छंदमुक्त कविता | खाल्ल्या अन्नाला जागा | राजेश हनुमंतराव... |
24/09/24 | कवितेचे रसग्रहण | कर्जबाजारी | Vaishnavi nirmal |
23/09/24 | सुखद अनुभव | पुढचं पाऊल | Vaishnavi nirmal |
23/09/24 | छंदमुक्त कविता | कर्जबाजारी | Vaishnavi nirmal |
23/09/24 | प्रेरक लेख | शेतमालाचा भाव- एक शोध निबंध | डॉ दिग्विजय जाधव |
23/09/24 | ललितलेख | कृषिप्रधान देशातील हतबल शेतकरी | Vaishnavi nirmal |
23/09/24 | ललितलेख | हारासी | NILESHDESHMUKH |
23/09/24 | छंदोबद्ध कविता | बळी-राजा | डॉ दिग्विजय जाधव |
23/09/24 | पद्यकविता | शेतमालाचे भाव एक स्वप्न ? | rajendraphand |
23/09/24 | कवितेचे रसग्रहण | शेतमालाचे भाव एक स्वप्न ? | rajendraphand |
शेतकरी गीत, काव्यगीत
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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15-12-2013 | माझा बाप! | 3,389 |
28-05-2012 | शेतकऱ्याची व्यथा | 11,913 |
09-02-2012 | शीक बाबा शीक | 6,084 |
27-08-2011 | पलाट साडेबाराचा - आगरी गझल | 4,914 |
25-08-2011 | च्यायला बुडवा हा सहकार | 4,340 |
माझी मराठी गझल
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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10-02-2017 | प्रकाशात शिरायासाठी | 3,015 |
10-02-2017 | सोज्वळ मदिरा | 1,821 |
13-10-2015 | कळली तर कळवा | 5,315 |
22-09-2015 | चुलीमध्ये घाल | 2,289 |
27-05-2015 | एक केवळ बाप तो | 1,989 |
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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19-06-2011 | धकव रं श्यामराव | 2,425 |
18-06-2011 | आंब्याच्या झाडाले वांगे | 4,289 |
विश्वस्तरीय लेखनस्पर्धा : २०१४ ते २०२४
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | लेखक | वाचने |
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20-09-2024 | पदरी अमुच्या घोर निराशा... | nilkavi74 | 1,250 |
22-09-2024 | गुजरी | Liladhardawande786 | 1,438 |
18-09-2024 | नेता नव्हे, शेतकर्यांचा स्वातंत्र्यसूर्य | गंगाधर मुटे | 1,099 |
18-09-2024 | यंदा पेरू वावरात गांजा | गोपाल मापारी | 950 |
18-09-2024 | कृषिनिष्ठ, शेतीभूषण म्हणजे कुर्हाडीचे दांडे? | गंगाधर मुटे | 1,033 |
शेतकरी साहित्य चळवळ-संमेलन
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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16-08-2022 | अध्यक्षीय भाषण : ५ वे अ.भा.म.शे.सा.सं, पैठण | 1,198 |
16-08-2022 | अध्यक्षीय भाषण : ६ वे अ.भा.म.शे.सा.सं, अलिबाग | 1,445 |
16-08-2022 | अध्यक्षीय भाषण : ७ वे अ.भा.म.शे.सा.संमेलन | 1,087 |
16-08-2022 | अध्यक्षीय भाषण : ८ वे अ.भा.म.शे.सा.सं, रावेरी | 2,747 |
09-08-2022 | ९ वे Online साहित्य संमेलन : प्रतिनिधी नोंदणी | 1,243 |
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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23-06-2011 | भावात्म काव्यात्मकतेचा 'गोडवा’ | 2,797 |
23-06-2011 | 'सकाळ' 'सप्तरंग पुरवणीत' 'रानमेवा' ची दखल | 4,584 |
23-06-2011 | इतके उत्तम भाष्य फ़क्त श्रेष्ठ कवीच करू शकतो | 2,491 |
23-06-2011 | काळ्या मातीचा गंध शब्दाशब्दांतून जाणवतो. | 2,535 |
23-06-2011 | सर्वच कविता वाचनीय | 2,565 |
"रानमेवा" काव्यसंग्रह
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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18-06-2011 | विदर्भाचा उन्हाळा | 4,205 |
22-06-2011 | माय मराठीचे श्लोक...!! | 5,067 |
18-06-2011 | चापलूस चमचा | 4,382 |
18-06-2011 | लकस-फ़कस | 4,311 |
18-06-2011 | झ्यामल-झ्यामल | 4,312 |