![]() ![]() बळीराजावर आपले स्वागत आहे. |
ताजे लेखन आणि नवीन प्रतिसाद
प्रकाशन दिनांक | शीर्षक | लेखक | वाचने | प्रतिसाद |
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10-07-15 | पायाखालची वीट दे : भक्तीगीत ।।७।। | गंगाधर मुटे | 3,005 | 1 |
18-07-16 | ॥सांगा तुकारामा : अभंग-४॥ | गंगाधर मुटे | 1,980 | 1 |
09-07-14 | विठ्ठलाला पिणारा पाहिजे..! | गंगाधर मुटे | 2,963 | 1 |
20-06-11 | पंढरीचा राया : अभंग ।।६।। | गंगाधर मुटे | 2,806 | 1 |
20-06-11 | शुभहस्ते पुजा : अभंग ।।५।। | गंगाधर मुटे | 3,436 | 2 |
22-06-11 | बळीराजाचे ध्यान : अभंग ।।४।। | गंगाधर मुटे | 5,028 | 1 |
10-07-22 | लोकशाहीची रेसिपी | गंगाधर मुटे | 390 | |
22-06-11 | सजणीचे रूप : अभंग ।।३।। | गंगाधर मुटे | 5,391 | 2 |
20-06-11 | श्री गणराया - ।।२।। | गंगाधर मुटे | 3,856 | 3 |
22-06-11 | श्रीगणेशा - ।।१।। | गंगाधर मुटे | 3,450 | 2 |
शेतकरी साहित्य चळवळ-संमेलन
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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21-02-2020 | ६ वे अ.भा. म. शे. साहित्य संमेलन : चित्रवृत्तांत-गझल मुशायरा | 1,567 |
20-02-2020 | ६ वे अ.भा. म. शे. साहित्य संमेलन : चित्रवृत्तांत-कोकण किनार संगीत रजनी | 1,726 |
20-02-2020 | ६ वे अ.भा. म. शे. साहित्य संमेलन : चित्रवृत्तांत-कविसंमेलन | 2,118 |
20-02-2020 | ६ वे अ.भा. म. शे. साहित्य संमेलन : चित्रवृत्तांत - कथाकथन व परिसंवाद | 2,810 |
19-02-2020 | ६ वे अ.भा. म. शे. साहित्य संमेलन : चित्रवृत्तांत-उद्घाटन सत्र | 1,733 |
विश्वस्तरीय लेखनस्पर्धा : २०१४ ते २०२२
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | लेखक | वाचने |
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31-12-2022 | गझल-बळीराजा | Madhuri Pramod ... | 188 |
31-12-2022 | परतीचा पाऊस | Vishalmohod | 300 |
31-12-2022 | शेतीविषयक राजकीय धोरण | सतीश शंकरराव मानकर | 246 |
30-12-2022 | शेतातले गाऱ्हाणे | nilkavi74 | 354 |
30-12-2022 | साज सृष्टीचा | Bharati Sawant | 195 |
शेतकरी गीत, काव्यगीत
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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19-06-2011 | धकव रं श्यामराव | 1,865 |
18-06-2011 | कसे अंकुरावे अता ते बियाणे? | 2,076 |
18-06-2011 | स्मशानात जागा हवी तेवढी | 1,977 |
15-06-2011 | रानमेवा खाऊ चला....! | 2,099 |
31-05-2011 | उषःकाल होता होता | 2,155 |
माझी मराठी गझल
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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13-04-2014 | वरुणदेवाने फालतू त्याची जात दावू नये | 1,488 |
04-04-2014 | काही स्फूट शेर | 1,955 |
22-03-2014 | रंग आणखी मळतो आहे | 1,359 |
08-05-2013 | माझी गझल निराळी - भूमिका | 3,174 |
10-03-2014 | परिघाबाहेरची गझल - श्री किमंतु ओंबळे | 1,903 |
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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23-06-2011 | अनुभवांची शिदोरी आणि सृजनशीलतेची समृद्धी | 1,823 |
23-06-2011 | एक “अनुभवसिद्ध रानमेवा" | 1,793 |
"रानमेवा" काव्यसंग्रह
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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23-06-2011 | रानमेवा - भूमिका | 46,042 |
23-06-2011 | रानमेवा प्रस्तावना - मा. शरद जोशी | 6,932 |
23-06-2011 | भावात्म काव्यात्मकतेचा 'गोडवा’ | 2,183 |
23-06-2011 | 'सकाळ' 'सप्तरंग पुरवणीत' 'रानमेवा' ची दखल | 3,855 |
23-06-2011 | इतके उत्तम भाष्य फ़क्त श्रेष्ठ कवीच करू शकतो | 2,037 |