नमस्कार !
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प्रकाशन दिनांक | लेखनविभाग | शीर्षक | लेखक | प्रतिसाद | वाचने | अंतिम अद्यतन |
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28/09/18 | गीतरचना | उभं पीक पाण्यासाठी.. | Chitra Kahate | 4 | 2,469 | 4 वर्षे 12 months |
19/01/19 | अनुभवकथन | उठ शेतकऱ्या, घे मशाल | Komal Bhujbal | 7 | 4,360 | 5 वर्षे 8 months |
19/09/18 | गझल | मेला कृषक उपाशी | Dr. Ravipal Bha... | 6 | 4,817 | 5 वर्षे 9 months |
26/09/18 | कथा | आणि तिनं खुरप्याच्या पाठीला धार लावली... | Raosaheb Jadhav | 2 | 2,652 | 5 वर्षे 9 months |
09/09/18 | काव्यसंग्रह समीक्षण | *अस्वस्थ काळ अधोरेखित करणारा - माणसाच्या सोयीचा देव* | Kiran dongardive | 1 | 1,651 | 5 वर्षे 9 months |
09/10/18 | चळवळीतील अनुभव | शेतमालाच्या भावाची लढाई | तेजराव मुंढे | 1 | 1,817 | 5 वर्षे 9 months |
19/09/18 | पद्यकविता | धोरण | RANGNATH TALWATKAR | 3 | 3,473 | 5 वर्षे 9 months |
24/09/18 | गझल | हालहाल पोचलेत कुंचल्यातही तुझे | Dhirajkumar Taksande | 5 | 4,174 | 5 वर्षे 9 months |
12/09/18 | गझल | गर्भार कास्तकारी | Ramesh Burbure | 11 | 7,322 | 5 वर्षे 9 months |
21/09/18 | गीतरचना | कवडीमोल दाम | मुक्तविहारी | 6 | 4,424 | 5 वर्षे 9 months |
23/09/18 | छंदोबद्ध कविता | दारिद्र्य | मुक्तविहारी | 2 | 2,029 | 5 वर्षे 9 months |
27/09/18 | छंदोबद्ध कविता | लढू गड्यांनो | लक्ष्मण खेडकर | 5 | 3,808 | 5 वर्षे 9 months |
08/10/18 | छंदोबद्ध कविता | रोज नवेच मरण | Sidheshwar Ingole | 4 | 3,896 | 5 वर्षे 9 months |
18/09/18 | गीतरचना | आडून धोरणांच्या! | प्रदीप थूल | 3 | 2,385 | 5 वर्षे 9 months |
12/09/18 | गीतरचना | स्वाभिमान तू माझा | RANGNATH TALWATKAR | 2 | 2,919 | 5 वर्षे 9 months |
24/09/18 | गीतरचना | कवा हासू कवा रडू | आशिष आ. वरघणे | 2 | 2,528 | 5 वर्षे 9 months |
29/09/18 | गीतरचना | तू रे पोशिंदा जगाचा | ravindradalvi | 3 | 3,509 | 5 वर्षे 9 months |
09/10/18 | गीतरचना | धोरण | RANGNATH TALWATKAR | 1 | 1,825 | 5 वर्षे 9 months |
10/10/18 | गीतरचना | सरकारी धोरण, रचे बापाचे सरण | बालाजी कांबळे | 3 | 3,648 | 5 वर्षे 9 months |
01/10/18 | अनुभवकथन | पिकलेला काटा अन् करपलेली पिके | Bhaskar Bhujang... | 1 | 1,783 | 5 वर्षे 9 months |
13/09/18 | शेतीतील अनुभव | शेतकऱ्यांप्रती सरकारची अनास्था | नितीन साळुंके | 2 | 2,307 | 5 वर्षे 9 months |
16/09/18 | गझल | ते प्रेत बोलताहे | Dhirajkumar Taksande | 2 | 2,087 | 5 वर्षे 9 months |
24/09/18 | गझल | "खोटेच पंचनामे" | Ramesh Burbure | 5 | 4,335 | 5 वर्षे 9 months |
21/09/18 | गझल | चोरीस सूट आता | प्रदीप थूल | 5 | 3,359 | 5 वर्षे 9 months |
06/10/18 | गझल | गझल: सर्वहारा | Dhirajkumar Taksande | 1 | 1,395 | 5 वर्षे 9 months |