नमस्कार !
बळीराजावर आपले स्वागत आहे. |
प्रकाशन दिनांक | प्रकार | शिर्षक | लेखक | वाचने | प्रतिसाद | अंतिम अद्यतन |
---|---|---|---|---|---|---|
16/11/2023 | लेखनस्पर्धा-२०२३ | स्वानुभवाचा वैश्विक आविष्कार: 'चांदणभूल' | Nisha Dange | 215 | 2 | 20/11/23 |
15/11/2023 | लेखनस्पर्धा-२०२३ | व्यथा शेतकऱ्याची | murlidharmnaik | 328 | 3 | 20/11/23 |
15/11/2023 | लेखनस्पर्धा-२०२३ | लागते | Nilesh | 390 | 2 | 20/11/23 |
15/11/2023 | लेखनस्पर्धा-२०२३ | बळीराणी कादंबरी समीक्षा | Nilesh | 274 | 2 | 20/11/23 |
15/11/2023 | लेखनस्पर्धा-२०२३ | बळीराजा | V59Angaaitkar | 304 | 2 | 20/11/23 |
15/11/2023 | लेखनस्पर्धा-२०२३ | पोशिंदा | bharti.lakhamapure | 316 | 2 | 20/11/23 |
14/11/2023 | लेखनस्पर्धा-२०२३ | बळी बळीराजाचा | Dilipbhoyar | 715 | 2 | 20/11/23 |
14/11/2023 | लेखनस्पर्धा-२०२३ | बैल | Raosaheb Jadhav | 272 | 2 | 20/11/23 |
14/11/2023 | लेखनस्पर्धा-२०२३ | नदी आणि झाड | Rohini Mukund Pande | 367 | 2 | 20/11/23 |
14/11/2023 | लेखनस्पर्धा-२०२३ | एल्गार.... | cdkadam | 321 | 2 | 20/11/23 |
शेतकरी साहित्य चळवळ-संमेलन
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
---|---|---|
09-01-2021 | ७ वे साहित्य संमेलन, रावेरी : प्रतिनिधी नोंदणी | 1,965 |
23-02-2020 | ६ वे अ.भा. म. शे. साहित्य संमेलन : चित्रवृत्तांत - पुरस्कार वितरण | 3,008 |
13-02-2019 | ५ वे अ.भा.म.शे.सा.संमेलन : वृत्तपत्र वृत्तांत | 1,187 |
10-10-2019 | ६ वे अ.भा.म.शे.सा. संमेलन, अलिबाग : कार्यक्रमपत्रिका | 902 |
21-02-2016 | २ रे अ.भा.म.शे.सा.संमेलन, नागपूर : कार्यक्रमपत्रिका | 1,194 |
विश्वस्तरीय लेखनस्पर्धा : २०१४ ते २०२२
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | लेखक | वाचने |
---|---|---|---|
31-12-2022 | शेतकरी | rajendraudare | 325 |
31-12-2022 | ये असा रस्त्यावर | खुशाल दादाराव ग... | 346 |
31-12-2022 | पद्द कविता | rajendraudare | 300 |
31-12-2022 | धाक | ravindradalvi | 333 |
31-12-2022 | कास्तकार नाही बनाचं | ravindradalvi | 284 |
शेतकरी गीत, काव्यगीत
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
---|---|---|
19-06-2011 | धकव रं श्यामराव | 2,009 |
18-06-2011 | कसे अंकुरावे अता ते बियाणे? | 2,248 |
18-06-2011 | स्मशानात जागा हवी तेवढी | 2,127 |
15-06-2011 | रानमेवा खाऊ चला....! | 2,284 |
31-05-2011 | उषःकाल होता होता | 2,352 |
माझी मराठी गझल
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
---|---|---|
16-04-2014 | शेतकर्याला अभय देणारी निराळी गझल - विजय चव्हाण | 2,647 |
13-04-2014 | वरुणदेवाने फालतू त्याची जात दावू नये | 1,602 |
04-04-2014 | काही स्फूट शेर | 2,062 |
22-03-2014 | रंग आणखी मळतो आहे | 1,573 |
08-05-2013 | माझी गझल निराळी - भूमिका | 3,349 |
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
---|---|---|
23-06-2011 | अनुभवांची शिदोरी आणि सृजनशीलतेची समृद्धी | 1,978 |
23-06-2011 | एक “अनुभवसिद्ध रानमेवा" | 1,918 |
"रानमेवा" काव्यसंग्रह
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
---|---|---|
23-06-2011 | रानमेवा - भूमिका | 50,550 |
23-06-2011 | रानमेवा प्रस्तावना - मा. शरद जोशी | 8,006 |
23-06-2011 | भावात्म काव्यात्मकतेचा 'गोडवा’ | 2,326 |
23-06-2011 | 'सकाळ' 'सप्तरंग पुरवणीत' 'रानमेवा' ची दखल | 4,083 |
23-06-2011 | इतके उत्तम भाष्य फ़क्त श्रेष्ठ कवीच करू शकतो | 2,156 |
नवीन प्रतिसाद