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प्रकाशन दिनांक | प्रकार | शिर्षक | लेखक | वाचने | प्रतिसाद |
अंतिम अद्यतन![]() |
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23/05/2011 | शेतकरी संघटक | २१ मार्च २०११ - अंक २४ - वर्ष २७ | संपादक | 2,710 | 19/05/11 | |
23/05/2011 | शेतकरी संघटक | ६ एप्रिल २०११- अंक १ - वर्ष २८ | संपादक | 2,512 | 20/05/11 | |
23/05/2011 | शेतकरी संघटना | शेतकरी प्रकाशन | गंगाधर मुटे | 9,821 | 20/05/11 | |
23/05/2011 | मदतपुस्तिका | मराठीत कसे लिहावे? | admin | 6,914 | 20/05/11 | |
23/05/2011 | व्यवस्थापन | नियमावली | admin | 13,020 | 21/05/11 | |
25/05/2011 | शेतकरी गीत | आता उठवू सारे रान | संपादक | 5,124 | 25/05/11 | |
25/05/2011 | शेतकरी गीत | मेरे देश की धरती | संपादक | 2,909 | 25/05/11 | |
23/05/2011 | व्यवस्थापन | शरद जोशी | admin | 13,277 | 2 | 28/05/11 |
31/05/2011 | शेतकरी गीत | उषःकाल होता होता | संपादक | 3,168 | 31/05/11 | |
07/06/2011 | शेतकरी संघटक | २१ मे २०११ - अंक ४ - वर्ष २८ | संपादक | 2,498 | 07/06/11 | |
08/06/2011 | आंदोलन | रामदेवबाबांना पाठींबा | Akshay | 2,405 | 08/06/11 | |
15/06/2011 | रानमेवा | मग हव्या कशाला सलवारी | गंगाधर मुटे | 3,840 | 15/06/11 | |
15/06/2011 | रानमेवा शेतीकाव्य | रानमेवा खाऊ चला....! | गंगाधर मुटे | 3,010 | 15/06/11 | |
16/06/2011 | रानमेवा | हे रान निर्भय अता | गंगाधर मुटे | 2,188 | 16/06/11 | |
16/06/2011 | रानमेवा | चंद्रवदना | गंगाधर मुटे | 2,541 | 16/06/11 | |
16/06/2011 | रानमेवा | पुढे चला रे.... | गंगाधर मुटे | 2,137 | 16/06/11 | |
16/06/2011 | रानमेवा | कुंडलीने घात केला | गंगाधर मुटे | 2,364 | 16/06/11 | |
16/06/2011 | रानमेवा | कविता म्हणू प्रियेला | गंगाधर मुटे | 2,576 | 16/06/11 | |
16/06/2011 | रानमेवा | मुकी असेल वाचा | गंगाधर मुटे | 2,004 | 16/06/11 | |
16/06/2011 | रानमेवा | वाघास दात नाही | गंगाधर मुटे | 2,232 | 16/06/11 | |
17/06/2011 | रानमेवा | भक्तीविभोर....!! | गंगाधर मुटे | 2,215 | 17/06/11 | |
17/06/2011 | रानमेवा | हे खेळ संचिताचे .....! | गंगाधर मुटे | 2,206 | 17/06/11 | |
17/06/2011 | रानमेवा | घुटमळते मन अधांतरी | गंगाधर मुटे | 2,185 | 17/06/11 | |
17/06/2011 | रानमेवा | आभास मीलनाचा.. | गंगाधर मुटे | 2,263 | 17/06/11 | |
17/06/2011 | रानमेवा | गोचिडांची मौजमस्ती | गंगाधर मुटे | 2,176 | 17/06/11 | |
17/06/2011 | रानमेवा | स्वप्नसुंदरी | गंगाधर मुटे | 2,805 | 17/06/11 | |
17/06/2011 | रानमेवा | सत्ते तुझ्या चवीने | गंगाधर मुटे | 2,716 | 17/06/11 | |
17/06/2011 | रानमेवा | अय्याशखोर | गंगाधर मुटे | 2,160 | 17/06/11 | |
17/06/2011 | रानमेवा | कान पिळलेच नाही | गंगाधर मुटे | 2,084 | 17/06/11 | |
17/06/2011 | रानमेवा | सूडाग्नीच्या वाटेवर | गंगाधर मुटे | 2,100 | 17/06/11 | |
18/06/2011 | रानमेवा | घट अमृताचा | गंगाधर मुटे | 2,069 | 18/06/11 | |
18/06/2011 | रानमेवा | अंगार चित्तवेधी | गंगाधर मुटे | 2,554 | 18/06/11 | |
18/06/2011 | रानमेवा शेतीकाव्य | स्मशानात जागा हवी तेवढी | गंगाधर मुटे | 2,712 | 18/06/11 | |
18/06/2011 | रानमेवा शेतीकाव्य | कसे अंकुरावे अता ते बियाणे? | गंगाधर मुटे | 2,724 | 18/06/11 | |
18/06/2011 | रानमेवा | तरी हुंदक्यांना गिळावे किती? | गंगाधर मुटे | 2,276 | 18/06/11 | |
18/06/2011 | रानमेवा | हिशेबाची माय मेली? | गंगाधर मुटे | 1,908 | 18/06/11 | |
18/06/2011 | रानमेवा | आंब्याच्या झाडाले वांगे | गंगाधर मुटे | 4,289 | 18/06/11 | |
19/06/2011 | रानमेवा शेतीकाव्य | धकव रं श्यामराव | गंगाधर मुटे | 2,432 | 19/06/11 | |
19/06/2011 | रानमेवा | छातीचं झाकण बोम्लीवर आलं | गंगाधर मुटे | 4,262 | 19/06/11 | |
19/06/2011 | रानमेवा | कुठे बुडाला चरखा? | गंगाधर मुटे | 2,443 | 19/06/11 | |
20/06/2011 | रानमेवा | मी गेल्यावर ....? | गंगाधर मुटे | 1,838 | 20/06/11 | |
20/06/2011 | रानमेवा | तू हसलीस ... | गंगाधर मुटे | 2,648 | 20/06/11 | |
20/06/2011 | रानमेवा | नशा स्वदेशीची...!! | गंगाधर मुटे | 2,168 | 20/06/11 | |
20/06/2011 | रानमेवा | फ़ुलझडी..........!!!! | गंगाधर मुटे | 1,983 | 20/06/11 | |
20/06/2011 | रानमेवा | सरबत...... प्रेमाच्या नात्याचं | गंगाधर मुटे | 2,476 | 20/06/11 | |
20/06/2011 | रानमेवा | अट्टल चोरटा मी........!! | गंगाधर मुटे | 2,105 | 20/06/11 | |
20/06/2011 | रानमेवा | दोन मूठ राख | गंगाधर मुटे | 1,957 | 20/06/11 | |
20/06/2011 | रानमेवा | कथा एका आत्मबोधाची...!! | गंगाधर मुटे | 2,705 | 20/06/11 | |
20/06/2011 | रानमेवा शेतीकाव्य | चाहूल नवःउषेची | गंगाधर मुटे | 2,222 | 20/06/11 | |
20/06/2011 | रानमेवा | घायाळ पाखरांस .. | गंगाधर मुटे | 2,307 | 20/06/11 | |
20/06/2011 | रानमेवा | विलाप लोकसंख्येचा .. | गंगाधर मुटे | 1,978 | 20/06/11 | |
22/06/2011 | रानमेवा | जरासे गार्हाणे | गंगाधर मुटे | 1,819 | 22/06/11 | |
22/06/2011 | रानमेवा | मांसाहार जिंदाबाद ...!! | गंगाधर मुटे | 7,034 | 22/06/11 | |
22/06/2011 | रानमेवा शेतीकाव्य | नंदनवन फ़ुलले ...!! | गंगाधर मुटे | 2,669 | 22/06/11 | |
22/06/2011 | रानमेवा | तू तसा - मी असा | गंगाधर मुटे | 2,117 | 22/06/11 | |
22/06/2011 | रानमेवा | माणूस | गंगाधर मुटे | 2,107 | 22/06/11 | |
22/06/2011 | रानमेवा | अंगावरती पाजेचिना....!! | गंगाधर मुटे | 2,275 | 22/06/11 | |
22/06/2011 | रानमेवा | बायोडाटा..!! | गंगाधर मुटे | 2,613 | 22/06/11 | |
22/06/2011 | शेतकरी संघटक | ६ जून २०११ - अंक ५ - वर्ष २८ | संपादक | 3,323 | 22/06/11 | |
22/06/2011 | शेतकरी संघटक | २१ जून २०११ - अंक ६ - वर्ष २८ | संपादक | 2,440 | 22/06/11 |
प्रकाशन दिनांक | लेखनविभाग | शीर्षक | लेखक |
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18/09/24 | निमंत्रितांचे लेखन | शोषकांना पोषक : जातीयवादाचा भस्मासूर : युगात्मा शरद जोशी | संपादक |
18/09/24 | निमंत्रितांचे लेखन | तर नांगर दाबणारे हात मंत्र्यांचे गळे दाबतील | Andi2702 |
18/09/24 | ललितलेख | वांगे अमर रहे...! | गंगाधर मुटे |
18/09/24 | निमंत्रितांचे लेखन | आत्महत्या नव्हे, शेतकर्यांचा शासकीय खून! | गंगाधर मुटे |
18/09/24 | दुःखद अनुभव | पार्टी द्या, कर्ज घ्या; कोंबडी द्या, वसुली थांबवा | गंगाधर मुटे |
19/09/24 | वैचारिक लेख | न्याय आणि वाव बळीराजाचा | Bharati Sawant |
19/09/24 | मागोवा | मिळेल का बळीला न्याय? | Bharati Sawant |
19/09/24 | छंदोबद्ध कविता | फूलु दे शिवारी | Dr. Rajendra Gawali |
20/09/24 | छंदोबद्ध कविता | रोग कोनता होते का ( झाडी बोलीत अष्टाक्षरी ) | nilkavi74 |
21/09/24 | कथा | भाकरीचा भाव | nilkavi74 |