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प्रकाशन दिनांक | लेखनविभाग | शीर्षक | लेखक | प्रतिसाद | वाचने | अंतिम अद्यतन |
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22/09/19 | गीतरचना | पोशिंद्याची शोकांतिका | Narendra Gandhare | 5 | 1,841 | 4 वर्षे 11 months |
30/09/19 | छंदोबद्ध कविता | विळख्यात शेत माझे | Pradip thool | 5 | 1,706 | 4 वर्षे 11 months |
09/09/19 | गझल | गझल : मरण्याशिवाय आहे? पर्याय का तरी..... | Dhirajkumar Taksande | 5 | 1,796 | 5 वर्षे १ आठवडा |
13/09/19 | गझल | गझल :शेती चरून गेली. | Dhirajkumar Taksande | 6 | 2,218 | 4 वर्षे 11 months |
16/09/19 | पद्यकविता | एल्गार | श्री. अनिकेत देशमुख | 6 | 2,380 | 4 वर्षे 8 months |
23/09/19 | गीतरचना | राम नई रायना दादा खेतीमां (अहिराणी) | महेश | 6 | 2,643 | 4 वर्षे 8 months |
07/10/19 | छंदोबद्ध कविता | सटवाई | ravindradalvi | 6 | 2,092 | 4 वर्षे 11 months |
27/09/19 | कथा | मातीमोल आयुष्य | Pratibha | 6 | 2,218 | 4 वर्षे 8 months |
28/09/19 | ललितलेख | ललितलेख ( होता सोन्याचा संसार ) | Ganesh Warpe | 7 | 2,722 | 4 वर्षे 8 months |
12/09/19 | गझल | गज़ल : सीमेवरी जराशे जाऊन या तुम्ही. | Dr. Ravipal Bha... | 7 | 2,465 | 4 वर्षे 11 months |
08/09/19 | गझल | गझल: कर्जातल्या जिवांच्या नशिबास कोण तारी! | Dhirajkumar Taksande | 7 | 2,247 | 5 वर्षे १ आठवडा |
28/09/19 | गझल | गझल :अस्तित्व भारताचे | Dhirajkumar Taksande | 10 | 4,205 | 4 वर्षे 11 months |
30/09/19 | कथा | पाचवीला पुजलेलं -'ऋण' | Narendra Gandhare | 11 | 4,244 | 4 वर्षे 8 months |
12/10/19 | कर्जमुक्ती आंदोलन | पार्टी द्या, कर्ज घ्या; कोंबडी द्या, वसुली थांबवा | गंगाधर मुटे | 12 | 4,763 | 4 वर्षे 8 months |
13/09/19 | गझल | कर्जाच्या जाचात शेती | Ramesh Burbure | 12 | 5,556 | 4 वर्षे 8 months |
10/09/19 | गझल | गज़ल : विळखा अरे ऋणाचा | Dr. Ravipal Bha... | 13 | 6,262 | 4 वर्षे 8 months |
06/09/19 | गझल | गज़ल : घाट्याच्या सौद्यात शेती | Dr. Ravipal Bha... | 25 | 9,367 | 4 वर्षे 11 months |