नमस्कार !
बळीराजावर आपले स्वागत आहे. |
आजचे बाजारभाव पाहण्यासाठी https://www.baliraja.com/node/3024 या लिंकवर क्लिक करा.
योगायोग, अकस्मात, अनपेक्षित हे शब्द आपण नेहमीच वापरत असतो. पण आजच्या दिवसाचे वर्णन कसे करावे तेच मला सुचत नाही. आजचा दिवस माझ्यासाठी अकल्पित आणि अफ़लातून ठरला आहे.
आज "माझी गझल निराळी" चे समिक्षण दैनिक प्रहारमध्ये प्रकाशित झाले. आजच महाराष्ट्र टाईम्स मध्ये माझी "ऊठ मर्दा ऊठ" ही कविता प्रकाशित झाली, आज दैनिक सकाळमध्ये "शतवर्ष नरा" ही कविता छापून आली आणि....
मुख्यमंत्र्यांच्या घरासमोर आजचे ठिय्या आंदोलन पोलिसांची एकही लाठी न खाता, बंदुकीची गोळी न खाताच सहजतेने सुखासुखी पार पडले.
इतके सारे अनुकूल योगायोग एकाच दिवशी घडून येणे, हे फ़ारच विलक्षण आहे.
{आजचे ग्रहमान/कुंडली वगैरे कशी होती हे एखाद्या भविष्यवेत्त्याला/जोतिष्याला विचारावे कि काय, अशी मनात जिज्ञासा जागृत झाली आहे. }
एवढे मात्र नक्कीच खरे की,
आजचा ३०/११/२०१४ हा दिवस माझ्यासाठी अविस्मरणीय दिवस ठरला आहे.
----------------------------------------------------------------
----------------------------------------------------------------
----------------------------------------------------------------
----------------------------------------------------------------
----------------------------------------------------------------
----------------------------------------------------------------
----------------------------------------------------------------
----------------------------------------------------------------
----------------------------------------------------------------
----------------------------------------------------------------
----------------------------------------------------------------
----------------------------------------------------------------
----------------------------------------------------------------
----------------------------------------------------------------