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प्रकाशन दिनांक | लेखनस्पर्धा वर्ष | शीर्षक | लेखक |
प्रतिसाद![]() |
वाचने | अंतिम अद्यतन |
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30/09/18 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | गझल | Dhirajkumar Taksande | 733 | 4 वर्षे 12 months | |
29/09/16 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | भोळा माझा बळीराजा | राम२३ | 18 | 6 वर्षे 12 months | |
13/11/16 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | ये तू मैदानात : शेतकरी गीत | गंगाधर मुटे | 973 | 6 वर्षे 12 months | |
18/11/14 | लेखनस्पर्धा-२०१४ | मॉल | सागर जाधव जोपुळकर | 1,010 | 8 वर्षे 10 months | |
02/10/17 | लेखनस्पर्धा-२०१७ | शेतकरी आत्महत्त्या : कारणे आणि उपाय | K Ramesh | 881 | 5 वर्षे 12 months | |
20/09/18 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | ऊठ ऊठ शेतकरी बाळा | गंगाधर मुटे | 841 | 5 वर्षे १ आठवडा | |
20/11/14 | लेखनस्पर्धा-२०१४ | कुण्ब्याच्या आयुष्यात | Dinesh shinde | 32 | 8 वर्षे 10 months | |
06/10/18 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | गझल | Dr. Ravipal Bha... | 1,162 | 4 वर्षे 11 months | |
20/11/14 | लेखनस्पर्धा-२०१४ | ‘बळीराजा’ | Asawari R. Ingle | 1,381 | 8 वर्षे 10 months | |
16/10/20 | लेखनस्पर्धा-२०२० | कोरोना : गतिमान बदलांची बदलती मानसिकता | Raosaheb Jadhav | 559 | 2 वर्षे 11 months | |
30/09/16 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | हत्या करायला शीक | गंगाधर मुटे | 1,684 | 6 वर्षे 12 months | |
21/11/14 | लेखनस्पर्धा-२०१४ | लाल्या | Mahendra Mahore | 1,069 | 8 वर्षे 10 months | |
31/10/20 | लेखनस्पर्धा-२०२० | श्रदांजली वाहण्याचा वैताग आलाय! : कोरोना माहात्म्य ||११|| | गंगाधर मुटे | 929 | 2 वर्षे 11 months | |
24/09/18 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | शेतकऱ्याच्या मुला | आशिष आ. वरघणे | 567 | 5 वर्षे 3 दिवस | |
02/10/20 | लेखनस्पर्धा-२०२० | अस्वस्थतेकडून अस्वास्थ्याकडे : कोरोना माहात्म्य ||१२|| | गंगाधर मुटे | 751 | 2 वर्षे 10 months | |
04/01/21 | लेखनस्पर्धा-२०२० | संकटांचा नजारा. | Krushna Ashok Jawle | 563 | 2 वर्षे 8 months | |
20/09/16 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | शहाणपण देगा देवा ! | आदिनाथ ताकटे | 1 | 1,831 | 7 वर्षे १ आठवडा |
26/09/18 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | बैल म्हणाले | आशिष आ. वरघणे | 1 | 895 | 4 वर्षे 9 months |
18/11/14 | लेखनस्पर्धा-२०१४ | सीमेंट चा दगड | सागर जाधव जोपुळकर | 1 | 1,290 | 8 वर्षे 10 months |
08/09/16 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | अवकाळी विळखा एक आश्वासक कथासंग्रंह | संदीप हरी नाझरे | 1 | 2,948 | 7 वर्षे 2 आठवडे |
15/09/18 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | गोट तुमी वो ऐका | K N Salunke | 1 | 1,707 | 4 वर्षे 9 months |
27/09/19 | लेखनस्पर्धा-२०१९ | साहेब | श्री. अनिकेत देशमुख | 1 | 581 | 3 वर्षे 12 months |
15/09/20 | लेखनस्पर्धा-२०२० | गाई गेल्या राना समृध्द लोकसंस्कृतीचा नैसर्गिक खजिना | Kiran dongardive | 1 | 567 | 2 वर्षे 11 months |
20/09/16 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | कांद्याला एक रुपया अनुदानाच गाजर !: हि तर शेतकऱ्यांची क्रूर चेष्टा! | आदिनाथ ताकटे | 1 | 1,432 | 7 वर्षे १ आठवडा |
27/09/18 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | करपलयं शिवार | लक्ष्मण खेडकर | 1 | 1,083 | 4 वर्षे 9 months |