नमस्कार !
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प्रकाशन दिनांक | प्रकार | शिर्षक | लेखक | वाचने | प्रतिसाद | अंतिम अद्यतन |
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06/09/2021 | लेखनस्पर्धा-२०२१ | हरवलेल्या पोळ्याचे संदर्भ | Kiran dongardive | 956 | 3 | 02/11/21 |
04/09/2019 | लेखनस्पर्धा-२०१९ | माय पीठ होऊन गळते | Kiran dongardive | 717 | 1 | 08/09/19 |
06/09/2017 | लेखनस्पर्धा-२०१७ | मातीच्या लेकराची लेक | Kiran dongardive | 1,231 | 1 | 09/09/17 |
09/09/2018 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | ATM समोरील भिकारी | Kiran dongardive | 1,758 | 1 | 23/09/18 |
05/09/2019 | लेखनस्पर्धा-२०१९ | नक्षली, ग्रामीण आणि जीवन स्पर्शी आयपीएस एक समृद्ध कादंबरी।।, | Kiran dongardive | 877 | 1 | 08/09/19 |
30/09/2018 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | गांधीबाबा | Kiran dongardive | 1,087 | 1 | 25/12/18 |
15/09/2020 | लेखनस्पर्धा-२०२० | हरवलेल्या पोळ्याच्या आठवणी | Kiran dongardive | 574 | 1 | 10/10/20 |
09/09/2018 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | पोट भरल्यावर लढाई संपते यार | Kiran dongardive | 1,184 | 1 | 25/12/18 |
05/09/2019 | लेखनस्पर्धा-२०१९ | ना धों महानोर ह्यांच्या कवितेतील रानावनात विरलेली स्त्री | Kiran dongardive | 3,893 | 1 | 08/09/19 |
06/09/2017 | लेखनस्पर्धा-२०१७ | मांडवदारातील बाबा | Kiran dongardive | 1,306 | 1 | 09/09/17 |
नवीन प्रतिसाद