नमस्कार !
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प्रकाशन दिनांक | लेखनविभाग | शीर्षक | लेखक | प्रतिसाद | वाचने | अंतिम अद्यतन |
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20/09/18 | पद्यकविता | अभंग | RANGNATH TALWATKAR | 1 | 1,203 | 5 वर्षे 4 months |
09/09/18 | छंदमुक्त कविता | पोट भरल्यावर लढाई संपते यार | Kiran dongardive | 1 | 1,172 | 5 वर्षे 4 months |
09/09/18 | काव्यसंग्रह समीक्षण | *अस्वस्थ काळ अधोरेखित करणारा - माणसाच्या सोयीचा देव* | Kiran dongardive | 1 | 1,537 | 5 वर्षे 3 months |
09/10/18 | गीतरचना | धोरण | RANGNATH TALWATKAR | 1 | 1,662 | 5 वर्षे 4 months |
11/10/18 | वैचारिक लेख | दीडपट हमीभावाचा सर्जिकल स्ट्राईक | आदिनाथ ताकटे | 1 | 2,040 | 5 वर्षे 4 months |
27/09/18 | पद्यकविता | पोसता कांदा... | Raosaheb Jadhav | 1 | 1,009 | 5 वर्षे 4 months |
20/09/18 | पद्यकविता | दूर पळा रे ! | Rajesh Jaunjal | 2 | 1,778 | 5 वर्षे 4 months |
02/10/18 | पद्यकविता | घायाळ फौज | Rajesh Jaunjal | 2 | 1,727 | 5 वर्षे 4 months |
24/09/18 | गझल | गझल | Dr. Ravipal Bha... | 2 | 1,839 | 5 वर्षे 7 months |
13/09/18 | शेतीतील अनुभव | शेतकऱ्यांप्रती सरकारची अनास्था | नितीन साळुंके | 2 | 2,164 | 5 वर्षे 4 months |
24/09/18 | गीतरचना | कवा हासू कवा रडू | आशिष आ. वरघणे | 2 | 2,393 | 5 वर्षे 4 months |
12/10/18 | पद्यकविता | माणसांच्या जिवापेक्षा..तुमचा भाव जास्त का? | महेश | 2 | 2,155 | 5 वर्षे 4 months |
16/10/18 | गझल | गझल | Dhirajkumar Taksande | 2 | 2,289 | 5 वर्षे 4 months |
23/09/18 | वैचारिक लेख | शेतकऱ्यांच्या चळवळी | rameshwar | 2 | 2,351 | 5 वर्षे 4 months |
12/09/18 | गीतरचना | स्वाभिमान तू माझा | RANGNATH TALWATKAR | 2 | 2,784 | 5 वर्षे 4 months |
10/10/18 | गझल | गझल: राजसत्ता | Rajesh Jaunjal | 2 | 2,139 | 5 वर्षे 4 months |
26/09/18 | कथा | आणि तिनं खुरप्याच्या पाठीला धार लावली... | Raosaheb Jadhav | 2 | 2,498 | 5 वर्षे 3 months |
22/10/18 | पद्यकविता | विश्वस्तरीय लेखन स्पर्धा 2018 साठी कविता - एल्गार | श्री. अनिकेत देशमुख | 2 | 2,106 | 5 वर्षे 4 months |
28/09/18 | गझल | गझल | Dr. Ravipal Bha... | 2 | 1,451 | 5 वर्षे 7 months |
20/09/18 | पद्यकविता | दूर दूर जावे | Rajesh Jaunjal | 2 | 1,807 | 5 वर्षे 4 months |
02/10/18 | गझल | गझल | Dr. Ravipal Bha... | 2 | 1,897 | 5 वर्षे 6 months |
03/10/18 | पद्यकविता | किसान क्रांती | आशिष आ. वरघणे | 2 | 2,855 | 5 वर्षे 4 months |
23/09/18 | छंदोबद्ध कविता | दारिद्र्य | मुक्तविहारी | 2 | 1,809 | 5 वर्षे 4 months |
24/09/18 | गीतरचना | एकीच्या गीताचा जोपासू छंद ! | आशिष आ. वरघणे | 2 | 1,274 | 5 वर्षे 7 months |
15/09/18 | पद्यकविता | गोट तुमी वो ऐका | K N Salunke | 2 | 1,333 | 5 वर्षे 4 months |