नमस्कार !
बळीराजावर आपले स्वागत आहे. |
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लेखनविभाग | प्रकाशन दिनांक | शीर्षक | लेखक | प्रतिसाद | वाचने |
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पद्यकविता | 31/12/22 | बळीराजा | Ajit1980 | 207 | |
वैचारिक लेख | 31/12/22 | कृषीप्रधान देशातील शोकांतिका | Ajit1980 | 267 | |
गेय रचना/गीत/पोवाडा इत्यादी | 17/12/22 | गीत रचना घाबरायचं नाय... | Anu25488 | 271 | |
पद्यकविता | 18/12/22 | कविता ओल | Anu25488 | 214 | |
वैचारिक लेख | 30/12/22 | शेतकरी सुखी तर जग सुखी | Bharati Sawant | 3,420 | |
पद्यकविता | 30/12/22 | साज सृष्टीचा | Bharati Sawant | 226 | |
गझल | 31/12/22 | शिकार... (गझल) | cdkadam | 292 | |
छंदोबद्ध कविता | 30/12/22 | कर्जमाफी | Dr. Rajendra Gawali | 196 | |
गेय रचना/गीत/पोवाडा इत्यादी | 30/12/22 | काळ्या आईचे वारकरी | Dr. Rajendra Gawali | 213 | |
पद्यकविता | 27/12/22 | संकेत | Madhavkhalanekar | 279 | |
वैचारिक लेख | 27/12/22 | शेती विषयक राजकीय धोरण | Madhavkhalanekar | 188 | |
पुस्तक समीक्षण | 31/12/22 | आदर्श गाव संकल्प आणि प्रकल्प | Madhuri Pramod ... | 539 | |
गझल | 31/12/22 | गझल-बळीराजा | Madhuri Pramod ... | 235 | |
गेय रचना/गीत/पोवाडा इत्यादी | 29/12/22 | वामना | Narendra Gandhare | 238 | |
मागोवा | 05/01/23 | सृतिगंध... एक मागोवा | nilkavi74 | 344 | |
पद्यकविता | 01/01/23 | अन् का रे.. देवा | nilkavi74 | 309 | |
गझल | 30/12/22 | शेतातले गाऱ्हाणे | nilkavi74 | 400 | |
कवितेचे रसग्रहण | 05/01/23 | कवितेचे रसग्रहण | rajendraphand | 1 | 810 |
पद्यकविता | 05/01/23 | शेती म्हणजे | rajendraphand | 394 | |
पद्यकविता | 31/12/22 | शेतकरी | rajendraudare | 270 | |
पद्यकविता | 31/12/22 | पद्द कविता | rajendraudare | 240 | |
गझल | 31/12/22 | गझल: राफेल | Rajesh Jaunjal | 1 | 519 |
पद्यकविता | 02/01/23 | शेती आमच्या हक्काची | Rajiya Ismail J... | 221 | |
गेय रचना/गीत/पोवाडा इत्यादी | 31/12/22 | स्वतंत्र कर तू बापा | RANGNATH TALWATKAR | 259 | |
छंदमुक्त कविता | 30/12/22 | माणसासाठी कणसात दाणा | Raosaheb Jadhav | 249 |