नमस्कार !
बळीराजावर आपले स्वागत आहे. |
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
प्रकाशन दिनांक | लेखनविभाग | शीर्षक | लेखक | प्रतिसाद | वाचने | अंतिम अद्यतन |
---|---|---|---|---|---|---|
11/10/18 | वैचारिक लेख | दिशा विचारांची –जीव सृष्टीच्या अस्तित्वासाठी | आदिनाथ ताकटे | 1 | 1,603 | 5 वर्षे 4 months |
11/10/18 | वैचारिक लेख | दीडपट हमीभावाचा सर्जिकल स्ट्राईक | आदिनाथ ताकटे | 1 | 2,039 | 5 वर्षे 4 months |
20/09/18 | पद्यकविता | दूर पळा रे ! | Rajesh Jaunjal | 2 | 1,778 | 5 वर्षे 4 months |
19/09/18 | पद्यकविता | धोरण | RANGNATH TALWATKAR | 3 | 3,306 | 5 वर्षे 3 months |
09/10/18 | गीतरचना | धोरण | RANGNATH TALWATKAR | 1 | 1,661 | 5 वर्षे 4 months |
05/10/18 | गझल | धोरण जुनेच आहे | Dr. Ravipal Bha... | 5 | 4,104 | 5 वर्षे 4 months |
02/10/18 | छंदमुक्त कविता | धोरण.. | ravindradalvi | 1 | 1,359 | 5 वर्षे 4 months |
02/10/18 | गझल | नि:शब्द | Rajesh Jaunjal | 1 | 1,646 | 5 वर्षे 6 months |
01/10/18 | अनुभवकथन | पिकलेला काटा अन् करपलेली पिके | Bhaskar Bhujang... | 1 | 1,605 | 5 वर्षे 4 months |
09/09/18 | छंदमुक्त कविता | पोट भरल्यावर लढाई संपते यार | Kiran dongardive | 1 | 1,172 | 5 वर्षे 4 months |
27/09/18 | पद्यकविता | पोसता कांदा... | Raosaheb Jadhav | 1 | 1,009 | 5 वर्षे 4 months |
18/09/18 | गझल | प्राण वेचताना | Dhirajkumar Taksande | 9 | 5,767 | 5 वर्षे 4 months |
20/09/18 | पद्यकविता | बंद रस्ते | Rajesh Jaunjal | 3 | 2,533 | 5 वर्षे 4 months |
18/09/18 | वैचारिक लेख | बदलेल धोरण, तर टळेल मरण! | Dhirajkumar Taksande | 8 | 4,878 | 5 वर्षे 4 months |
29/09/18 | पद्यकविता | बळीराजा | Chitra Kahate | 3 | 2,228 | 5 वर्षे 4 months |
26/09/18 | पद्यकविता | बैल म्हणाले | आशिष आ. वरघणे | 1 | 985 | 5 वर्षे 4 months |
09/09/18 | छंदमुक्त कविता | भारत महासत्ता कधी होईल यार | Kiran dongardive | 1 | 2,856 | 5 वर्षे 4 months |
27/09/18 | छंदमुक्त कविता | मग मात्र लिहावीच लागते कविता... | Raosaheb Jadhav | 5 | 3,905 | 5 वर्षे 4 months |
15/09/18 | पद्यकविता | मरणाचे धोरण | sunandasalunke | 1 | 1,409 | 5 वर्षे 4 months |
21/09/18 | पद्यकविता | माझा राजा बळी | मुक्तविहारी | 4 | 3,071 | 5 वर्षे 4 months |
12/10/18 | पद्यकविता | माणसांच्या जिवापेक्षा..तुमचा भाव जास्त का? | महेश | 2 | 2,155 | 5 वर्षे 4 months |
19/09/18 | गझल | मेला कृषक उपाशी | Dr. Ravipal Bha... | 6 | 4,526 | 5 वर्षे 3 months |
08/10/18 | छंदोबद्ध कविता | रोज नवेच मरण | Sidheshwar Ingole | 4 | 3,690 | 5 वर्षे 4 months |
27/09/18 | छंदोबद्ध कविता | लढू गड्यांनो | लक्ष्मण खेडकर | 5 | 3,569 | 5 वर्षे 4 months |
24/09/18 | कथा | वादळ | आशिष आ. वरघणे | 3 | 1,796 | 5 वर्षे 4 months |