![]() ![]() बळीराजावर आपले स्वागत आहे. |
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प्रकाशन दिनांक | लेखनविभाग | शीर्षक | लेखक |
प्रतिसाद![]() |
वाचने | अंतिम अद्यतन |
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25/09/18 | गझल | गझल | Dr. Ravipal Bha... | 2 | 1,532 | 5 वर्षे 2 months |
16/09/18 | गझल | ते प्रेत बोलताहे | Dhirajkumar Taksande | 2 | 1,859 | 4 वर्षे 11 months |
20/09/18 | पद्यकविता | बंद रस्ते | Rajesh Jaunjal | 3 | 2,465 | 4 वर्षे 11 months |
20/09/18 | पद्यकविता | अभंग | RANGNATH TALWATKAR | 3 | 2,741 | 4 वर्षे 11 months |
19/09/18 | पद्यकविता | धोरण | RANGNATH TALWATKAR | 3 | 3,227 | 4 वर्षे 11 months |
29/09/18 | पद्यकविता | बळीराजा | Chitra Kahate | 3 | 2,133 | 4 वर्षे 11 months |
20/09/18 | छंदमुक्त कविता | छंदमुक्त कविता- धावपट्टी | Rajesh Jaunjal | 3 | 2,165 | 4 वर्षे 11 months |
20/09/18 | वैचारिक लेख | तुमचे धोरण, हेच आमचे मरण... | पंकज गायकवाड | 3 | 2,576 | 4 वर्षे 11 months |
15/09/18 | गझल | गझल | Dr. Ravipal Bha... | 3 | 1,416 | 5 वर्षे 2 months |
24/09/18 | कथा | वादळ | आशिष आ. वरघणे | 3 | 1,721 | 4 वर्षे 11 months |
16/09/18 | गझल | गझल | Dhirajkumar Taksande | 3 | 2,378 | 4 वर्षे 11 months |
18/09/18 | गीतरचना | आडून धोरणांच्या! | प्रदीप थूल | 3 | 2,151 | 4 वर्षे 11 months |
29/09/18 | गीतरचना | तू रे पोशिंदा जगाचा | ravindradalvi | 3 | 3,247 | 4 वर्षे 11 months |
10/10/18 | गीतरचना | सरकारी धोरण, रचे बापाचे सरण | बालाजी कांबळे | 3 | 3,367 | 4 वर्षे 11 months |
15/10/18 | गझल | गझल | Dr. Ravipal Bha... | 3 | 2,700 | 4 वर्षे 11 months |
03/10/18 | गझल | गझल | Dr. Ravipal Bha... | 4 | 4,040 | 5 वर्षे 2 months |
21/09/18 | पद्यकविता | माझा राजा बळी | मुक्तविहारी | 4 | 2,962 | 4 वर्षे 11 months |
08/10/18 | छंदोबद्ध कविता | रोज नवेच मरण | Sidheshwar Ingole | 4 | 3,582 | 4 वर्षे 11 months |
28/09/18 | गीतरचना | उभं पीक पाण्यासाठी.. | Chitra Kahate | 4 | 2,179 | 4 वर्षे 1 month |
21/09/18 | गझल | चोरीस सूट आता | प्रदीप थूल | 5 | 3,028 | 4 वर्षे 11 months |
05/10/18 | गझल | धोरण जुनेच आहे | Dr. Ravipal Bha... | 5 | 4,002 | 4 वर्षे 11 months |
24/09/18 | गझल | "खोटेच पंचनामे" | Ramesh Burbure | 5 | 4,004 | 4 वर्षे 11 months |
27/09/18 | छंदमुक्त कविता | मग मात्र लिहावीच लागते कविता... | Raosaheb Jadhav | 5 | 3,798 | 4 वर्षे 11 months |
24/09/18 | गझल | हालहाल पोचलेत कुंचल्यातही तुझे | Dhirajkumar Taksande | 5 | 3,870 | 4 वर्षे 11 months |
27/09/18 | छंदोबद्ध कविता | लढू गड्यांनो | लक्ष्मण खेडकर | 5 | 3,450 | 4 वर्षे 11 months |