नमस्कार !
बळीराजावर आपले स्वागत आहे. |
प्रकाशन दिनांक | प्रकार | शिर्षक | लेखक | वाचने | प्रतिसाद | अंतिम अद्यतन |
---|---|---|---|---|---|---|
23/06/2011 | रानमेवा | लिखाण अतिशय प्रामाणिक | जयश्री अंबासकर | 2,332 | 23/06/11 | |
23/06/2011 | रानमेवा | सडेतोड लेखणीतून वास्तवचित्र | डॉ भारत करडक | 1,928 | 23/06/11 | |
07/09/2017 | लेखनस्पर्धा-२०१७ | पत्ताच नसलेले पत्र | डॉ विशाल इंगोले | 2,070 | 2 | 22/02/18 |
02/10/2017 | लेखनस्पर्धा-२०१७ | दगड धोंडेच वाट्याला | डॉ. शरयू शहा | 2,137 | 2 | 13/10/17 |
18/11/2023 | लेखनस्पर्धा-२०२३ | आदिवासी शेतकरी कसा झाला ? | डॉ. शालिनी पाटील | 242 | 3 | 20/11/23 |
27/08/2011 | शेतकरी गीत | पलाट साडेबाराचा - आगरी गझल | डॉ.कैलास गायकवाड | 3,767 | 1 | 27/08/11 |
30/06/2011 | शेतकरी गीत | वरुणा ! वरुणा ! | डॉ.श्रीकृष्ण राऊत | 3,990 | 5 | 15/07/11 |
23/06/2011 | रानमेवा | काळ्या मातीचा गंध शब्दाशब्दांतून जाणवतो. | डॉ.श्रीकृष्ण राऊत | 2,228 | 23/06/11 | |
27/05/2011 | गद्यलेखन | ‘होऊ दे रे आबादानी’च्या निमित्ताने | डॉ.श्रीकृष्ण राऊत | 4,581 | 6 | 15/07/11 |
02/01/2023 | लेखनस्पर्धा-२०२२ | तोंडी, लेखी व प्रयोगशाळेतही मेरीटचे गुण | तुळशीराम बोबडे | 280 | 04/01/23 |
विश्वस्तरीय लेखनस्पर्धा : २०१४ ते २०२२
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | लेखक | वाचने |
---|---|---|---|
04-01-2023 | धग | सचिन शिंदे | 303 |
23-09-2019 | धग | सचिन शिंदे | 728 |
23-09-2019 | कुणब्याचं जगणं काळजावर गोंदवणारा कवी : संतोष आळंजकर | सचिन शिंदे | 1,320 |
04-01-2023 | प्राणप्रिय बळीमित्रास | सचिन शिंदे | 238 |
23-09-2019 | दावण ... कविता | सचिन शिंदे | 650 |
नवीन प्रतिसाद