नमस्कार !
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प्रकाशन दिनांक | प्रकार | शिर्षक | लेखक | वाचने | प्रतिसाद | अंतिम अद्यतन |
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16/09/2018 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | गझल | Dhirajkumar Taksande | 885 | 1 | 20/09/18 |
20/09/2018 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | अभंग | RANGNATH TALWATKAR | 1,197 | 1 | 24/12/18 |
24/09/2018 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | उठाव | आशिष आ. वरघणे | 1,414 | 1 | 24/12/18 |
26/09/2018 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | बैल म्हणाले | आशिष आ. वरघणे | 977 | 1 | 24/12/18 |
27/09/2018 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | करपलयं शिवार | लक्ष्मण खेडकर | 1,202 | 1 | 25/12/18 |
27/09/2018 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | पोसता कांदा... | Raosaheb Jadhav | 1,003 | 1 | 24/12/18 |
27/09/2018 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | घाला दोन रेघा... | Raosaheb Jadhav | 965 | 1 | 24/12/18 |
30/09/2018 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | गांधीबाबा | Kiran dongardive | 1,070 | 1 | 25/12/18 |
01/10/2018 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | पिकलेला काटा अन् करपलेली पिके | Bhaskar Bhujang... | 1,593 | 1 | 25/12/18 |
02/10/2018 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | धोरण.. | ravindradalvi | 1,351 | 1 | 25/12/18 |
विश्वस्तरीय लेखनस्पर्धा : २०१४ ते २०२२
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | लेखक | वाचने |
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29-09-2018 | तू रे पोशिंदा जगाचा | ravindradalvi | 3,331 |
13-09-2016 | कविता - चल आता | Ravindra Kamthe | 2,202 |
14-12-2018 | वाटचालीची दिशा व कंपूबाजीचा धोका - भाग - ३ | गंगाधर मुटे | 1,600 |
30-09-2019 | धोरणं शेतीचीच का? | Krushna Ashok Jawle | 1,113 |
19-09-2020 | ती, मी आणि दोन आरसे... | Raosaheb Jadhav | 1,307 |
नवीन प्रतिसाद