नमस्कार !
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प्रकाशन दिनांक | शीर्षक | लेखक | वाचने |
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16-04-2014 | शेतकर्याला अभय देणारी निराळी गझल - विजय चव्हाण | संपादक | 2,553 |
24-06-2014 | समकालीन गझलेत वेगळेपण दाखविणारी गझल | संपादक | 1,778 |
23-06-2011 | 'सकाळ' 'सप्तरंग पुरवणीत' 'रानमेवा' ची दखल | संपादक | 3,946 |
23-06-2011 | रानमेवा प्रस्तावना - मा. शरद जोशी | संपादक | 7,256 |
11-03-2013 | हंबरून वासराले चाटते जवा गाय | संपादक | 15,720 |
09-02-2012 | शीक बाबा शीक | संपादक | 5,457 |
09-03-2014 | परीक्षकांचीच परीक्षा घेणारा गझलसंग्रह - श्री. श्याम पवार | संपादक | 1,897 |
18-11-2014 | मॉल | सागर जाधव जोपुळकर | 1,083 |
23-06-2011 | लिखाणामधे खूप विविधता | स्वप्नाली | 1,828 |