नमस्कार !
बळीराजावर आपले स्वागत आहे. |
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प्रकाशन दिनांक | लेखनविभाग | शीर्षक | लेखक | प्रतिसाद | वाचने | अंतिम अद्यतन |
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25/09/18 | गझल | गझल | Dr. Ravipal Bha... | 2 | 1,587 | 5 वर्षे 6 months |
16/09/18 | गझल | ते प्रेत बोलताहे | Dhirajkumar Taksande | 2 | 1,936 | 5 वर्षे 3 months |
20/09/18 | पद्यकविता | बंद रस्ते | Rajesh Jaunjal | 3 | 2,524 | 5 वर्षे 3 months |
20/09/18 | पद्यकविता | अभंग | RANGNATH TALWATKAR | 3 | 2,821 | 5 वर्षे 3 months |
19/09/18 | पद्यकविता | धोरण | RANGNATH TALWATKAR | 3 | 3,300 | 5 वर्षे 3 months |
29/09/18 | पद्यकविता | बळीराजा | Chitra Kahate | 3 | 2,213 | 5 वर्षे 3 months |
20/09/18 | छंदमुक्त कविता | छंदमुक्त कविता- धावपट्टी | Rajesh Jaunjal | 3 | 2,249 | 5 वर्षे 3 months |
20/09/18 | वैचारिक लेख | तुमचे धोरण, हेच आमचे मरण... | पंकज गायकवाड | 3 | 2,657 | 5 वर्षे 3 months |
15/09/18 | गझल | गझल | Dr. Ravipal Bha... | 3 | 1,491 | 5 वर्षे 7 months |
24/09/18 | कथा | वादळ | आशिष आ. वरघणे | 3 | 1,791 | 5 वर्षे 3 months |
16/09/18 | गझल | गझल | Dhirajkumar Taksande | 3 | 2,456 | 5 वर्षे 3 months |
18/09/18 | गीतरचना | आडून धोरणांच्या! | प्रदीप थूल | 3 | 2,224 | 5 वर्षे 3 months |
29/09/18 | गीतरचना | तू रे पोशिंदा जगाचा | ravindradalvi | 3 | 3,337 | 5 वर्षे 3 months |
10/10/18 | गीतरचना | सरकारी धोरण, रचे बापाचे सरण | बालाजी कांबळे | 3 | 3,466 | 5 वर्षे 3 months |
15/10/18 | गझल | गझल | Dr. Ravipal Bha... | 3 | 2,783 | 5 वर्षे 3 months |
03/10/18 | गझल | गझल | Dr. Ravipal Bha... | 4 | 4,132 | 5 वर्षे 6 months |
21/09/18 | पद्यकविता | माझा राजा बळी | मुक्तविहारी | 4 | 3,064 | 5 वर्षे 3 months |
08/10/18 | छंदोबद्ध कविता | रोज नवेच मरण | Sidheshwar Ingole | 4 | 3,683 | 5 वर्षे 3 months |
28/09/18 | गीतरचना | उभं पीक पाण्यासाठी.. | Chitra Kahate | 4 | 2,273 | 4 वर्षे 6 months |
21/09/18 | गझल | चोरीस सूट आता | प्रदीप थूल | 5 | 3,132 | 5 वर्षे 3 months |
05/10/18 | गझल | धोरण जुनेच आहे | Dr. Ravipal Bha... | 5 | 4,090 | 5 वर्षे 3 months |
24/09/18 | गझल | "खोटेच पंचनामे" | Ramesh Burbure | 5 | 4,117 | 5 वर्षे 3 months |
27/09/18 | छंदमुक्त कविता | मग मात्र लिहावीच लागते कविता... | Raosaheb Jadhav | 5 | 3,897 | 5 वर्षे 3 months |
24/09/18 | गझल | हालहाल पोचलेत कुंचल्यातही तुझे | Dhirajkumar Taksande | 5 | 3,968 | 5 वर्षे 3 months |
27/09/18 | छंदोबद्ध कविता | लढू गड्यांनो | लक्ष्मण खेडकर | 5 | 3,560 | 5 वर्षे 3 months |